उर्जा = किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस
वस्तु की ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा एक अदिश राशि हैं, इसका मात्रक जूल हैं। ऊर्जा दो प्रकार की होती है – 1 गतिज उर्जा 2 स्थितिज ऊर्जा।
1. गतिज ऊर्जा = ( kinetic energy ) किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने
की जो क्षमता आ जाती है,
उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। वायु
की गतिज ऊर्जा पवन चक्की को चलाने के काम आती है।
2.स्थितिज ऊर्जा = जब किसी वस्तु में उसकी अवस्था या स्थिति के कारण कार्य
करने की क्षमता आ जााती हैं, तो उसे स्थितिज
ऊर्जा कहते हैं, जैसे घड़ी की चाबी से संचित ऊर्जा, तनी स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा।
ऊर्जा का रूपांतरण
उपकरण | ऊर्जा का रूपांतरण |
माइक्रोफोन |
विधुत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में |
सोर सेल |
-प्रकाश ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में |
डायनोमो | यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में |
मोमबत्ती का जलना |
रसायनिक ऊर्जा एवं ऊष्मा ऊर्जा में |
विधुत मोटर | विधुत उर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में |
बल्ब/ट्यूब-लाइट/हीटर का जलना | विधुत ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में |