कर्मधारय समास- जिस समास का उत्तर पद प्रधान हो और पूर्व और उत्तर पद में विशेषण और विशेष्य अथवा उपमेय और उपमान का सम्बंध स्थापित हो वह कर्मधारय समास कहलाता हें|
नोट- जिस वस्तु का वर्णन हो रहा हें,
उदाहरण- चरण कमल, म्रगनयन, महाजन,गुरुदेव,पकोड़ी,कुपुरुष, लालमणि, अधमरा, सदभावना, मंदबुद्धि, दही बड़ा, लाल टोपी, काला घोडा, महादेव, आदि शब्द
अपवाद – नीलाम्वर, पीताम्वर