संविधान में समय
समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन होते रहे हैं विधायनि सभा मे किसी विधेयक में
परिवर्तन,
सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया
को संशोधन कहा जाता हैं सभा या समिति के प्रस्ताव के शोधन की क्रिया के भी इस शब्द
का प्रयोग होता है किसी भी देश का संविधान कितनी ही सावधानी से बनाया जाए किन्तु
मनुष्य की कल्पना शक्ति की सीमा बन्धी हुई हैं
यहाँ पर हम 94 वा संशोधन से 101
वा संशोधन तक बात करेंगे
. 94 वा संशोधन (2006 )इस संशोधन द्वारा बिहार राज्य को एक जनजाति कल्याण मंत्री
नियुक्ति करने के उत्तरदायित्व से मुक्त कर दिया तथा इस प्रावधान को झारखंड एवं
छत्तीसगढ़ राज्यों में लागू करने की व्यवस्था की गई।●मध्यप्रदेशएवंउडीसाराज्यमेंयहप्रावधानपहलेसेहीलागू हैं।
. 95वा संशोधन (2009) इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 334 में संशोधन कर लोकसभा में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के आरक्षण तथा आंग्ल
भारतीयों को मनोनीत करने सम्बंधी प्रावधान को 10 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी 2020 तक के साथ बढ़ाया गया है।
. 96 वा संशोधन( 2011) इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 8 में उड़िया के स्थान पर ओड़िया हो गया है।
. 97 वा संशोधन (2012) इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 19 में संशोधन तथा भाग 9 ख जुड़ा तथा इसके द्वारा सहकारी समितियों को एक सवैधानिक
स्थान एव संरक्षण प्रदान किया गया।
. 98 वा संशोधन (2013) इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 471 ज में संशोधन द्वारा हैदराबाद कर्नाटक एरिये को विकसित करने के लिए कर्नाटक के
राज्यपाल की शक्तियों का विस्तार किया गया है।
. 99 वा संशोधन ( 2014) नए अनुच्छेद124 क , 124 ख तथा124 ग को संविधान के
अनुच्छेद 124 के बाद शामिल किया गया। यह अधिनियम प्रस्तावित राष्ट्रीय
न्यायि नियुक्ति आयोग के संघटन तथा अधिकार भी तैयार करता है।
. 100 वा संशोधन ( 2015) संविधान के प्रथम अनुसूची को 16 मई 1974 को हस्तक्षेप भू सीमा के सीमांकन से समझओते तथा दिनांक6 सितंबर 2011 को हस्तक्षेप उसके
मूल पत्र के अनुसरण में हानिकारक अधिपत्य को बनाए रखते हुए तथा विदेशी अंत: एरिया
की अदला बदली के मध्यम से भारत द्वारा राज्य एरिया का हस्तांतरण करने के प्रयोजन
को लागू करने के लिए संशोधन किया गया। इसके द्वारा भारत- बंगलादेश भूमि हस्तांतरण
किया गया है।
. 101 वा संशोधन ( 2017) 1 जुलाई 2017 को संविधान के
अनुच्छेद 246A , 269A,
279A को जोड़ा गया
है।तथा 268A को समाप्त कर दिया गया है। अनुच्छेद 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286,
366, 368 छठी अनुसूची तथा
सातवीं अनुसूची को संशोधन किया गया है। इस अधिनियम के द्वारा GST ( GOODS AND SERVICE TAX) अर्थात: वस्तु सेवा कर शामिल किया गया है।