• 1757 ई. की प्लासी की लड़ाई और1764 ई. के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल पर
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी ने शासन का शिकंजा कसा । इसी शासन को अपने अनुकूल बनाए
रखने के लिए अंग्रेजों ने समय समय पर कई एक्ट पारित किए जो भरतीय संबिधान के विकास
की सीढ़ी बनी ।
• संविधान शब्द की
उत्तपत्ति लैटिन शब्द कॉन्स्टिट्युरे से हुई हैं जिसका अर्थ प्रबन्ध करना, व्यवस्था करना या आयोजन करना होता है
• 1895 ई. में बल गंगाधर
तिलक ने स्वराज विधेयक का प्रारूप प्रस्तुत किया।
• उसके बाद1922 ई. में महात्मा गांधी जी तथा 1934 ई. में जवाहर लाल नेहरू जी ने भारतीय सम्बिधान के गठन की
मांग की ।
• भारतीय संबिधान
ऐतिहासिक विकास का काल 1600 ई. से प्रारंभ होता हैं।
• इसी वर्ष इग्लैंड
में ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई थी
• ईस्ट इंडिया
कम्पनी की स्थापना एक चार्टर एक्ट द्वारा की गई थी
• कम्पनी के प्रबंधन
की समस्त शक्ति गवर्नर तथा 24 सदस्य परिषद में
निहित थी
1726 का चार्टर एक्ट
• कलकत्ता, बम्बई, मद्रास
प्रेसिडेंसियो के राज्यपाल एवं उनकी परिषद को विधायी अधिकार प्रदान किया गया।
• अब तक यह शक्ति
कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में निहित थीं।
1773 का रेगुलेटिंग
एक्ट
• इस अधिनियम के
द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पद नाम दिया गया।
• कलकत्ता के गवर्नर
को बंगाल , बिहार एवं उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने के
अधिकार दिए गए।
•दीवानी अनुदान के
फलस्वरूप कम्पनी बंगाल बिहार,उड़ीसा प्रांत की
वास्तविक शासक बन गई।
◆इस एक्ट के द्वारा कलकत्ता में एक सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गयी और कोर्ट
को दिवाली , फौजदार, नोसेना तथा धार्मिक मामलों की सुनवाई एवं फैसले का अधिकार प्राप्त हो गया।
◆ इस कोर्ट में एक
मुख्य न्यायाधीश ओर तीन अपर न्यायाधीश होते थे।
◆ इसके प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर एलिजाह
इम्पे थे।
◆ अन्य तीन न्यायाधीश 1 चेम्बर्स, 2 लीमेस्टर, 3 हाइड थे।
● इसके माध्यम से
ब्रिटिश सरकार को कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के माध्यम से कम्पनी पर नियंत्रण सशक्त हो
गया।
● राजस्व, नागरिक और सेना मामलों की जानकारी ब्रिटिश सरकार को देना
आवश्यक कर दिया गया।
● प्रथम गवर्नर जनरल
वारेन हेस्टिंग्स थे।
पिट्स इंडिया एक्ट
1784
● पिट्स इंडिया एक्ट
को एक्ट ऑफ सेटलमेंट के नाम से भी जनाना जाता है।
◆ राजनीतिक मामलों के प्रबंधन के लिए Board of control ( नियंत्रण बोर्ड ) का गठन किया गया।
◆ इस एक्ट के द्वारा दैध्द शासन की
व्यवस्था का आरंभ किया गया।
● रेग्युलेटिग एक्ट
की विसंगतियों ब्रिटिश शासन का कम्पनी पर अपुर्ण नियंत्रण तथा भारत में कम्पनी के
कुशासन तथा उसके कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे अन्याय आदि को दूर करने के लिए इस
इस अधिनियम को लाया गया।
● तथा व्यापारिक
मामलो के लिए कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के पद बनाए गए।
1813 का चार्टर एक्ट
● 1813 के चार्टर एक्ट के
द्वारा कम्पनी के भारतीय व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
● किन्तु उसे चीन के
साथ व्यापार एवं पूर्वी देशो के साथ चाय के व्यापार सम्बंध में 20 वर्षों के लिए एकाधिकार प्राप्त रहा।
● कम्पनी के अधिकार
पत्र को 20 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
इस राजलेख द्वारा
सबसे महत्वपूर्ण कार्य कलकत्ता, बम्बई ओर मद्रास
की सरकारों द्वारा बनाई गई विधियों का ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदन कर दिया गया।
1833 का चार्टर एक्ट
● इसके द्वारा
कम्पनी के व्यापारिक अधिकार पूर्णता समाप्त कर दिये गए।
● इस अधिनियम के
द्वारा देश में एक केंद्रीय शासन प्रणाली की शुरुआत हुई।
● बंगाल के गवर्नर
जनरल को सम्पूर्ण भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।
◆ गवर्नर जनरल की परिषद में एक ओर सदस्य की
नियुक्ति हुई जिसे विधि सदस्य कहा जाता था।
●इस अधिनियम के
परिणामस्वरूप प्रथम विधि आयोग की स्थापना हुई ।
सर्वप्रथम मैकाले को विधि सदस्य के रूप में गवर्नर
जनरल की परिषद में सम्मिलित किया गया।
● कम्पनी के चीन से व्यापार
तथा चाय सम्बंधित व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया।
● इसके अंतर्गत पहले बनाए
गए कानूनों नियामक कानून कहा गया और नए कानून के अंतर्गत बने कानून को एक्ट या
अधिनियम कहा गया।
●चार्टर एक्ट 1833 ने सिविल
के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरू करने का प्रयास।
1853 का चार्टर एक्ट
● इस अधिनियम के द्वारा
सेवाओं में नामजदगी का सिद्धांत समाप्त कर कम्पनी के महत्वपूर्ण पदों को
पप्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर भरने की व्यवस्था की गयी।
1858 ई. का चार्टर एक्ट
● इसके अंतर्गत भारत के
शासन को कम्पनी के हाथों से सम्राट को हस्तांतरित कर दिया गया तथा भारत का शासन
इंग्लैंड के सम्राट के नाम से किया जाने लगा
● इस अधिनियम में गवर्नर
जनरल का पदनाम बदलकर भारत का वायसराय कर दिया गया।
●इस अधिनियम में1784 के
पिट्स इंडिया एक्ट द्वारा लागू दैध्द शासन प्रणाली समाप्त कर दी गई।
● इस अधिनियम ने नियंत्रण
बोर्ड और निर्देशक कोर्ट समाप्त कर दिया गया।
● इसमे एक नए पद भारत के
राज्य सचिव का सृजन किया गया।
1861 ई. का भारत परिषद अधिनियम
● केंद्रीय सरकार को
सार्वजनिक ऋण, वित्त, मुद्रा, डाक
एवं तार आदि के सम्बंध में प्रांतीय सरकार से अधिक अधिकार दिए गए।
● भारत परिषद को विधियी
संस्था बनाया गया तथा उसे भारतीय सन्दर्भ में कानून बनाने का अधिकार दिया गया।
● इसके द्वारा कानून बनाने
की प्रकिया में भारतीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की शुरुआत हुई।
● वायसराय को अध्यादेश जारी
करने का अधिकार दिया गया।
● मद्रास तथा बम्बई की
सरकारों को भी व्यवस्थापिक सम्बधी अधिकार दिया गया।
● लार्ड कैनिग ने तीन
भारतीयों बनारस के राजा , पटियाला के महाराजा ओर सर दिनकर राव को विधानपरिषद
में मनोनीत किया।
1869 ई. का चार्टर एक्ट
● इस अधिनियम के द्वारा
गवर्नर जनरल को विदेश में रहने वाले भारतीयों के सम्बंध में कानून बनाने का अधिकार
दिया गया।
1876 ई . का शाही उपाधि
अधिनियम
● 28 अप्रेल 1876 ई. को
एक घोषणा द्वारा महारानी विक्टोरिया को भारत की सम्राज्ञी घोषित किया गया।
1892 ई . का अधिनियम
● इस अधिनियम के द्वारा
सर्वप्रथम अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय तथा प्रांतीय विधान परिषद में निर्वाचन की
व्यवस्था की गई ।
● परिषद के भरतीय सदस्यों
को वार्षिक बजट पर बहस करने और सरकार से प्रश्न पूछने का अधिकार दिया गया।
● केन्द्रीय विधान परिषद
में न्यूनतम10 तथा अधिकतम सदस्य सख्या 16 निर्धारित
की गयी।
1909 ई . का मार्ले मिंटो
सुधार अधिनियम
● 1909 ई . में लार्ड मार्ले
इग्लैंड में भारत के राज्य सचिव और लार्ड मिंटो भारत के वायरस थे
● केन्द्रीय विधान सभा में
अतिरिक्त सदस्यों की सख्या 16 से बढ़ाकर60 कर दी
गयी
● इसमे 32 गैरसरकारी
सदस्यों में से 27 सदस्य निर्वचन होते थे ।
● साम्प्रदायिक
प्रतिनिधित्व का प्रावधान इस अधिनियम की मुख्य विशेषता थी
● इसके द्वारा
प्रेसिडेंसियो कॉर्पोरेशन, चेंबर्स ऑफ कॉमर्स, विश्वविद्यालय
और जमीदारों के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया।
1919 ई. का भारत सरकार अधिनियम
● इसके अंतर्गत भारत में
दैध्द शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
● इसके अतर्गत प्रथम राज्य
परिषद तथा द्वितीय केन्द्रीय विधानसभा स्थपना की गई।
● राज्य परिषद के सदस्यों
की सख्या 60 तथा केंद्रीय विधानसभा के सदस्यों की सख्या 145 थी ।
● इसके अंतर्गत 8 विधान
परिषद का गठन किया गया।
● बम्बई विधान परिषद में 111 मद्रास
विधान परिषद में 127 बंगाल विधान परिषद239 सयुक्त
प्रांत की विधान परिषद में 123 पंजाब 93 बिहार , उड़ीसा
में 103 मध्यप्रान्त
एवं बरार में 70 ओर असम विधान परिषद में 53 सदस्य
शामिल थे।
● मांटेग्यू चेप्स फोर्ड
सुधार द्वारा भारत मे पहली बार महिलाओं को वोट का अधिकार मिला
● 1927 ई. में साइमन आयोग आया।
● आरक्षण विषयो का प्रशासन
गवर्नर ओर उसकी कार्यकारी परिषद के माध्यम से किया जाना था जबकि हस्तांतरित विषयो
का प्रशासन गवर्नर द्वारा विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों की सहायता से
किया जाना था
1935 ई. का भारत सरकार अधिनियम
◆ भारत
मे एक फेडरल( सघीय) न्यायालय की स्थापना की गई जो दिल्ली में स्थित था।
◆ अधिनियम
में 321 अनुच्छेद
ओर 10 अनुसूची
थी
◆ इस
अधिनियम द्वारा भारत में संघात्मक सरकार की स्थापना की गई।
◆ केन्र्द
ओर प्रान्त में शक्तियों का विभाजन किया गया।
◆ इस
अधिनियम को भारत के मिनी संबिधान का दर्जा दिया गया।
● अधिनियम ने केन्र्द और
इकाईयो के बीच तीन सूचीया
1. सघीय सूची( 59 विषय)
2. राज्य सूची ( 54 विषय)
3. समवर्ती सूची ( 36 विषय)
के आधार पर शक्तियों का बंटबारा ।
● दलित जातियों, महिलाओं
और मजदूर वर्ग के लिए अलग से निर्वाचन व्यवस्था की।
● इसके अंतर्गत देश के
मुद्रा और साख पर नियंत्रण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की ।
●1935 ई. के भारत सरकार अधिनियम
द्वारा स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियां गवर्नर जनरल को प्रदान की गई थी।
● भारत सरकार अधिनियम1935 के
प्रावधानों के अनुरूप 1937 में वर्मा को भारत से अलग कर दिया।
● भारतीय संबिधान में
राष्ट्रपति की अध्यादेश निर्गत करने की शक्ति ( अनु0 123 ) भारत
सरकार अधिनियम1935 की धारा 42 से
प्रेरित है।
1947 ई. का भारतीय स्वतंत्रता
अधिनियम
● ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई 1947 ई. को
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम प्रस्तावित किया गया जो 18 जुलाई1947 ई. को
स्वीकृति हुआ।
● 15 अगस्त 1947 ई. को
भारत एवं पाकिस्तान नामक दो अधिराज्य बना दिये गए।
● इस अधिनियम के अधीन भारत
डेमिनियन को सिंध, बलुचिस्तान , पश्चिमी
पंजाब, पूर्वी
बंगाल, पशिचमोत्तर
सीमा प्रान्त ओर असम के सिलहट जिले को छोड़कर भारत का शेष राज्य मिल गया।